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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2724
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

महत्त्वपूर्ण तथ्य

राज्य

आधुनिक युग में राज्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग मेकियावली ने अपनी पुस्तक प्रिंस में किया।

राज्य शब्द अंग्रेजी रूपान्तर स्टेट (State) लैटिन भाषा के स्टेटस (Status) से निकला है जिसका अर्थ है व्यक्ति का स्तर।

यूनानी विचारक राज्य के पोलिस शब्द का प्रयोग करते थे

रोम विचारकों ने राज्य शब्द के लिए सिविटास शब्द का प्रयोग किया

परिभाषा

राज्य व्यक्ति का विराट रूप है — प्लेटो

राज्य व्यक्ति का पूर्वगामी है — अरस्तू

राज्य परिवार और गावों का समूह है, जो पूर्ण और अत्मनिर्भर जीवन की प्राप्ति के लिए गठित है — अरस्तू

राज्य का आधार व्यक्ति है, समाज का आधार व्यक्ति है — लीक

राज्य एक संसार है जिसे आत्मा ने अपने लिए बनाया है — हीगल

राज्य से परे व्यक्ति केवल अनैतिक अमूर्त रूप है — हीगल

राज्य पृथ्वी का आगमन है — हीगल

शक्ति नहीं अपितु इच्छा ही राज्य का आधार है — ग्रीन

राज्य का औचित्य मानवीय विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को बाधित करने में है। — ग्रीन

राज्य अन्ततः मुरझा जायेगा — एजेंल्स

राज्य पारस्परिक भरोसे के लिए ज्वाइंट स्टाक कम्पनी हैं — स्पेन्सर

मानवीय चेतना स्वतंत्रता चाहती है स्वतंत्रता में अधिकार निहित है और अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य आवश्यक है। — ग्रीन

राज्य न तो भगवान की सृष्टि है न उच्च भौतिक शक्ति का परिणाम, न परिपाटी और न ही परिवार मात्र — गार्नर

राज्य इतिहास की उपज है — बर्गेस

बोंदा, आस्टिन, हालैण्ड, बेन्थम आदि राज्य को कानूनी संगठन मानते हैं।

श्रमिक संघवादी तथा अराजकतावादी राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं।

बहुलवादी विचारक, डिग्वी क्रेब लास्की, बार्कर लिंडसे मैकाइवर राज्य को अन्य समुदायों की भांति एक समुदाय मानते हैं।

सर्वाधिकारवादी (मुसोलिनी, हिटलर) आदि ने राज्य को सर्वोच्च संस्था के रूप में माना है।

राज्य के बोंदा ने रिपब्लिक, हाब्स ने कामनवेल्थ और लाक और रूसो ने इसे 'समुदाय' के रूप में माना है।

राज्य के तत्व

आधुनिक युग में राज्य के निम्नलिखित चार तत्व हैं—

(1) जनसंख्या,
(2) भूभाग,
(3) सरकार,
(4) सम्प्रभुता
जनसंख्या

प्लेटो ने आदर्श राज्य की जनसंख्या 5040 बताया है वहीं रूसो ने आदर्श राज्य की जनसंख्या 10000 बताया है।

गार्नर के अनुसार “जनसंख्या इतनी ही होनी चाहिए जितनी कि राज्य के संगठन के निर्वाह के. लिए आवश्यक हो और वह इससे अधिक भी नहीं होनी चाहिए कि इसके लिए भूभाग और राज्य के साधन अपर्याप्त हो जाएं।

भूभाग

क्लेवर प्रथम लेखक था जिसने 1817 ई. में राज्य के लिए निश्चित भूभाग का होना आवश्यक माना था।

विलोवी सीले और हाल डिम्बिट जैसे विद्वानों ने भूमि को राज्य का आवश्यक तत्व नहीं माना है।

ब्लंशली के अनुसार 'राज्य का व्यक्तिगत आधार जनसंख्या है तो राज्य का भौतिक आधार भूमि है बिना भू-भाग वे राज्य संभव नहीं है।

सरकार

सरकार राज्य का संगठनात्मक तत्व है। सरकार के रूप में राज्य अपने आपको व्यक्त करता है।

ब्लंशली के अनुसार " यदि शासन नहीं होगा तो अराजकता होगी और राज्य का अन्त हो जायेगा"

सम्प्रभुता

यदि जनसंख्या राज्य का व्यक्तित्व तत्व है और क्षेत्र राज्य का भौतिक तत्व, तो सरकार राज्य का संगठनात्मक तत्व है और सम्प्रभुता राज्य का आत्मिक तत्व है।

प्रभुसत्ता राज्य का वह आवश्यक तत्व है जो अन्य सहचर्यों से राज्य को पृथक करता है। यह राज्य की ऐसी शक्ति है जो अपने भूक्षेत्र में आदेशों और कानूनों का पालन करा सकें।

स्वाभाविक आज्ञा-पालन

गवर्नर एवं विलोबी इसे राज्य का पाँचवां तत्व मानते हैं।

राज्य एक नैतिक संस्था के रूप है — प्लेटो, अरस्तू।

अन्य तथ्य

मैं ही राज्य हूँ  — लुई चौदहवां

राज्य एक नैतिक संस्था के रूप है — प्लेटो, अरस्तू

राज्य एक दैवी संस्था के रूप में है — सेण्ट आगस्टाइन

राज्य सावयव सत्ता के रूप में — हीगल, ग्रीन, बोसांके

राज्य एक मशीन के रूप में — हाब्स, लाक

राज्य एक वर्ग संगठन के रूप में — मार्क्सवादी विचारक

व्यवहारवाद राज्य के स्थान पर व्यक्तियों, संस्थाओं एवं संगठनों का अध्ययन है। वे राज्य के स्थान पर 'राजनैतिक प्रणाली' शब्द का प्रयोग करते हैं।

गार्नर ने राज्य की सर्वश्रेष्ठ परिभाषा प्रस्तुत की है।

डेविड ईस्टन ने राज्य के स्थान पर राजनीतिक व्यवस्था शब्द का प्रयोग किया है।

ग्रीन ने कल्याणकारी राज्य का आधार रखा जिसे लास्की, मैकाइवर ने आगे बढ़ाया।

मैकाइवर ने मार्डन स्टेट नामक पुस्तक में 'सेवाधर्मी राज्य' का समर्थन किया है।

डेविडमार्शल ने वेलफेयर स्टेट में लोक कल्याणकारी राज्य का समर्थन किया है।

" वह सरकार सबसे अच्छी है जो सबसे कम शासन करती है” — फ्रीमैन

“आधुनिक राज्य समाजरूपी अट्टालिका का शिखर है। ” –  लास्की 

सीमित राज्य का आर्थिक आधार पर समर्थन किया है — एडम स्मिथ, माल्थस रिकार्डो, जे०एस० मिल

राज्य का जीवनशास्त्रीय तर्क का समर्थन किया — स्पेंसर ने

राज्य की उत्पत्ति का सिद्धान्त

(1) दैवी सिद्धान्त - समर्थक राजा जेम्स प्रथम, आगस्टाइन, पोप ग्रेगरी लुई 16वें, बूजे

राज्य की उत्पत्ति का यह सबसे प्राचीनतम सिद्धान्त है। इसके अनुसार राज्य एक दैवीय कृति है और राजा ईश्वर का प्रतिनिधि है इसलिए राजा मात्र ईश्वर के प्रति उत्तरदायी है।

महाभारत के शांतिपर्व में दैवी उत्पत्ति के सिद्धान्त का उल्लेख मिलता है। मनुस्मृति में भी इसकी चर्चा है।

राबर्ट फिल्मर ने अपनी पुस्तक पैट्रियाक के अन्तर्गत यह तर्क दिया कि ईश्वर ने आदम को पहला मनुष्य नहीं बनाया। वह धरती का पहला राजा भी था।

राज्य के दैवीय सिद्धान्त का इंग्लैण्ड के जेम्स प्रथम ने अपनी पुस्तक The True Law of A Free Monarchy में समर्थन किया है।

यहूदी धर्म की प्रसिद्ध पुस्तक Old Testament में राजा को ईश्वर का प्रतिनिधि माना गया है।

(2) शक्ति सिद्धान्त - समर्थक ग्रेगरी सप्तम, डेविड ह्यरुम, जैक्स ग्रुम्पलोविच, स्माल अराजकतावादी, व्यक्तिवादी सोफिस्ट विचारक समर्थक तथा वार्ड प्रमुख है।

आधुनिक समाजशास्त्रियों ने भी शक्ति सिद्धान्त का समर्थन किया है। अतः इस राज्य की उत्पत्ति का समाजशास्त्रीय सिद्धान्त भी कहते हैं।

ओपेनहाइमर ने अपनी पुस्तक 'The State' में शक्ति सिद्धान्त का समर्थन किया है।

मनुस्मृति और कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस सिद्धान्त का समर्थन मिलता है।

वाल्टेयर के अनुसार "प्रथम राजा एक भाग्यशाली योद्धा था"

स्पेन्सर और मिल जैसे व्यक्तिवादी विचारक शक्ति पर आधारित होने के कारण ही राज्य को आवश्यक बुराई के रूप में देखते हैं।

लेनिन “राज्य जनसंख्या के अधिकांश भाग पर शासन करने वाले पूँजीपतियों के हाथों में शोषण का साधन है। (मार्क्सवाद)

(3) पितृसत्तात्मक सिद्धान्त - समर्थक हेनरी मैन ने अपनी दो पुस्तकों Ancient Law और Early History of Institution में किया है।

(4) मातृसत्तात्मक सिद्धान्त - समर्थक— मैक्लीनन, मार्गन, जेंक्स

(5) मार्क्सवासी सिद्धान्त - मार्क्सवादी राज्य को प्राकृतिक संस्था नहीं मानते हैं जो सामाजिक जीवन की अनिवार्य शर्त है।

एंजिलस ने अपनी पुस्तक 'द ओरिजिन आफ फैमिली प्राइवेट प्रापर्टी एण्ड द स्टेट में बताया है कि "राज्य का अस्तित्व अनन्त काल से नहीं रहा है।

राज्य एक वर्ग द्वारा दूसरे वर्ग (सर्वहारा वर्ग) के शोषण का यंत्र है। यह किसी नैतिक उद्देश्य से नहीं शोषण के संबंध को बनाये रखने के लिए होता है।

लेनिन ने स्टेट एण्ड रिवल्पुशन में बताया है कि राज्य धनवान वर्ग के हाथ की कठपुतली है।

(6) सामाजिक समझौते का सिद्धान्त - थॉमस एक्वीनास

समर्थक— हाब्स, लाक (इग्लैण्ड), रूसो (फ्रांस), जान राल्स और राबर्ट नॉजिक, थॉमस एथ्वीनास, मेनगोल्ड

महाभारत के शांतिपर्व में सर्वप्रथम इसका उल्लेख है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इसकी चर्चा हैं।

प्राचीन यूनान में सोफिस्टों ने राज्य को अप्राकृतिक और समझौते द्वारा उत्पन्न संस्था माना है।

रिचर्ड हूकर ने व्यवस्थित रूप से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है।

जैफरर्सन और हैमिल्टन भी राज्य का आधार समझौता ही मानते हैं।

हाब्स ने सामाजिक समझौते के सिद्धान्त का प्रतिपादन अपनी पुस्तक लेवियाथन में किया है।

ह्यूगोग्रोशियस ने अपने ग्रंथ 'On the law of war and peace' में राज्य को समझौते का परिणाम माना है।

इस टॉपिक से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण पुस्तकें -

प्लेटो  — रिपब्लिक, लॉज, स्टेट्समैन

अरस्तू — पालिटिक्स

मैकियावली — द प्रिंस

हाब्स — लेवियाथन

लाक — टू ट्रिटाइस एण्ड सिविल गवर्नमेण्ट

रूसो — सोशल कान्ट्रेक्ट, इमाइल

बोदा — सिक्स बुक आन दे रिपब्लिक आर स्टेट

बेन्थम — फ्रागमेण्ट आग गवर्नमेण्ट

मिल — आन लिबर्टी

ग्रीन लेक्चर्स  — आन द प्रिंसिपल्स आफ पेलिटिक ओब्लिगेशन

मार्म्स  — कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो, दास कैपिटल

स्पेन्सर –  दि मैन वरैसन दि स्टेट

हाब हाउस  — दि मेटाफिजिलक लॉ थ्योरी आफ दि स्टेट

फिलोसोफिकल थ्योरी आफ दी स्टेट — बोसांके

चचैस इन दि माडर्न स्टेट — फिगिस

बियोण्ड दि वेलफेयर स्टेट— गुन्नार मिर्डर

द रिस्पॉन्सिबल स्टेट— गिडिग्स

माडर्न आइडिया आप द स्टेट — क्रेब

दि बेलफेयर स्टेट — डी0एल0 हाबमैन

ऐसेज आन वेलफेयर स्टेट-— टिटमस

एनाक स्टेट एण्ड यूटोपिया— राबर्ट नॉजिक

(7) ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धान्त

समर्थक—– गार्नर, बगैस, मैकाइवर, गेटिल, गिलक्राइस्ट।

यह राज्य की उत्पत्ति का आधुनिक तथा सर्वाधिक उपयुक्त सिद्धान्त है।

विकासवादी सिद्धान्त के अनुसार 'राज्य की उत्पत्ति न तो एक निश्चित समय में हुई और न ही किसी एक विशेष कारण से बल्कि राज्य तत्वों के सम्मिलित तत्वों के प्रभाव स्वरूप अस्तित्व में आया। प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं-

(1) मनुष्य की सामाजिक प्रवृत्ति
(2) रक्त संबंध
(3) धर्म
(4) शक्ति
(5) आर्थिक क्रियाएँ
(6) राजनीतिक चेतना

मैकाइवर ने Modern State में लिखा है कि "मनुष्य अपनी सामाजिक प्रवृत्ति की संतुष्टि के लिए अनेक सहचर बनाता है। राज्य उन्हीं में से एक है।"

मैकाइवर ने लिखा है कि "रक्त सम्बन्ध समाज को जन्म देता है और समाज कालान्तर में राज्य को "

विकासवादी सिद्धान्त के मुख्य प्रवर्तक बगैस और लीकॉक हैं।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
  2. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
  6. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
  10. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
  14. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
  18. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
  22. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
  26. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
  30. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
  34. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
  38. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 दण्ड
  42. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 स्वतंत्रता
  46. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 समानता
  50. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय - 14 न्याय
  54. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
  58. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
  62. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला
  65. अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
  66. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  67. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  68. उत्तरमाला
  69. अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
  70. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  71. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  72. उत्तरमाला
  73. अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
  74. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  75. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  76. उत्तरमाला
  77. अध्याय - 20 वैश्वीकरण
  78. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  79. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  80. उत्तरमाला
  81. अध्याय - 21 मानवाधिकार
  82. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  83. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  84. उत्तरमाला
  85. अध्याय - 22 नारीवाद
  86. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  88. उत्तरमाला
  89. अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
  90. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
  94. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  96. उत्तरमाला
  97. अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
  98. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  99. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  100. उत्तरमाला
  101. अध्याय - 26 राजनीतिक दल
  102. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. अध्याय - 27 दबाव समूह
  106. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  107. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  108. उत्तरमाला
  109. अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
  110. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  111. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  112. उत्तरमाला
  113. अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
  114. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  115. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  116. उत्तरमाला
  117. अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
  118. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  120. उत्तरमाला
  121. अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
  122. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  123. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  124. उत्तरमाला
  125. अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
  126. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  127. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  128. उत्तरमाला

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